जोड़ों की बिमारी गठिया को इंग्लिश में अर्थराइटिस कहते हैं।इसमें तकलीफ, जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है। लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे है जिनसे अर्थराइटिस का दर्द कम और कुछ से दर्द बढ़ सकता है। हालांकि यह बीमारी ज्यादातर उम्रदराज लोगों को ही होती है,लेकिन बदली हुई लाइफस्टाइल के कारण इसकी चपेट में वर्तमान में युवा भी आ रहे हैं। आइए इस लेख में हम गठिया रोग के घरेलु उपचार के बारे में जानें।
1. लहसुन का सेवन-
लहसुन को ब्लड प्यूरीफायर के रूप में जाना जाता है। यह ब्लड को शुद्ध करने में मदद करता है।अर्थराइटिस के कारण ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा में बहुत ज्यादा वृद्धि हो जाती है। लहसुन के रस यूरिक एसिड को गलाकर तरल रूप में मूत्रमार्ग से बाहर निकल देता है।
2. अजमोद-
अजमोद गठिया से ग्रस्त मरीजों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होता है। गठिया मरीज अजमोद के रस का इस्तेमाल करके अपनी परेशानी कम कर सकते हैं, क्योंकि अजमोद एक मूत्रवर्धक के रूप में किडनी की सफाई के लिए जाना जाता है। किडनी में मौजूद अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निष्कासित करके यह आपको स्वस्थ रखता है।
3. अदरक-
अदरक रक्त प्रवाह और परिसंचरण में सुधार करता है। ठंड के मौसम के दौरान खराब जोड़ों के दर्द का अनुभव करने वाले अधिक संवेदनशील लोगों के लिए विशेष रूप से अच्छा होता है। जोड़ों के दर्द से पीड़ित रोगियों को रोजाना दो सौ ग्राम अदरक दो बार सेवन करने से दर्द में छुटकारा मिलती है।
4. कैमोमाइल टी-
अर्थराइटिस के लिए कैमोमाइल टी को बहुत कारगर माना जाता है। इसमें पाए जाने वाले एंटी इंफेल्मेटेरी अव्यव को अर्थराइटिस के इलाज में लाभकारी माना जाता है। चाहे तो आप इसे चाय के रूप में या खाने के साथ सेवन कर सकते हैं। यह जोड़ो में यूरिक एसिड बनने से रोकता है।
5. सेब साइडर सिरका-
सेब साइडर सिरका पाचन क्रिया में मदद करता है। यह प्रोटीन युक्त आहार को उचित तरीके से पचाता है। व्यक्ति के उम्र बढ़ने पर पेट की क्षमता कम हो जाती है और जोड़ों के दर्द में वृद्धि होती है। इस स्थिति में सेब साइडर सिरका को दर्द कम करने के लिए सहायक माना जाता है। सेब साइडर सिरका आपके शरीर को अधिक क्षारीय बनाने में मददकर जोड़ों के दर्द को कम करता है।