शिवाजी कौन थे? आइए जानते हैं इनके बारे में
दोस्तों शिवाजी का जन्म 20 अप्रैल 1627 को पूना के निकट शिवनेर के दुर्ग में हुआ था। इनके पिता का नाम शाहजी भोंसले था और माता का नाम जीजाबाई था।
1637 में शाहजी भोंसले अपने पुत्र शिवाजी तथा पत्नी जीजाबाई सहित पूना की अपनी पैतृक जागीर की देखभाल का दायित्व बीजापुर के एक पूर्व अधिकारी एवं अपने विश्वासपात्र मित्र दादाजी कोंडदेव को सौंपकर कर्नाटक चले गए।
आरंभ में शिवाजी का उद्देश्य एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना करना था। इनका मूल उद्देश्य मराठों की बिखरी हुई शक्ति को इकट्ठा कर महाराष्ट्र में एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना करना था।
शिवाजी ने हिंदू एवं पादशाही अंगीकार किया और ब्राह्मणों तथा गाय की रक्षा का व्रत लिया और हिंदुत्व धर्मोद्वारक की उपाधि धारण की।
सबसे पहले शिवाजी ने 1643 इसमें बीजापुर के सिंहगढ़ के किले पर अधिकार किया। उसके बाद 1686 में उन्होंने तोरण पर अधिकार कर लिया। 1656 में शिवाजी की महत्वपूर्ण है जावली की थी। जावली एक मराठा सरदार चंद्र राव मोरे के अधिकार में था अप्रैल 1656 में उन्होंने रायगढ़ के किले पर कब्जा कर लिया।
1657 ईसवी में शिवाजी का पहली बार मुगलों से मुकाबला हुआ। जब वे बीजापुर की तरफ से मुगलों से लड़े इसी समय शिवाजी ने जुन्नार को लूटा। कुछ समय बाद मुगलों के उत्तराधिकारी युध्द का लाभ उठाकर उन्होंने कोंकण पर भी विजय प्राप्त की।
शिवाजी की इस विस्तारवादी नीति से बीजापुर शासक सशंकित हो गए। उसने शिवाजी की शक्ति को दबाने तथा उसे कैद करने के लिए 1659 में अपने योग्य सरदार अफजल खां के नेतृत्व में एक सैनिक टुकड़ी भेजी। ब्राह्मण दूत कृष्ण जी भास्कर ने अफजल खान का वास्तविक उद्देश्य शिवाजी को बता दिया। शिवाजी और अफजल खान की मुलाकात प्रतापगढ़ के दक्षिण में स्थित पार नामक स्थान पर हुई, जहां पर शिवाजी ने 2 नवंबर 1659 में उसकी हत्या कर दी।
1660 में मुगल शासक औरंगजेब ने साइस्ता खां को शिवाजी को समाप्त करने के लिए दक्षिण का गवर्नर नियुक्त किया। साइस्ता ने बीजापुर राज्य से मिलकर शिवाजी को समाप्त करने की योजना बनाई।