ज्यादा मोबाइल चलाना आंखों को कैसे नुकसान पहुंचाता है और इससे कैसे बचा जा सकता है?
दोस्तों यदि आप लगातार एकटक मोबाइल स्क्रीन देखेंगे तो इससे आपकी आंखों की ब्लिंकिंग रेट कम हो जाएगी। सामान्य तौर पर देखा जाए तो आंखों की पेंटिंग रेट 12 से 14 प्रति मिनट होती है। लेकिन मोबाइल देखते वक्त इसकी ब्लिंकिंग रेट छह से सात प्रति मिनट हो जाती है। जिससे आंखों में ड्राइनेस बढ़ने लगती है और आंखें कमजोर हो जाती है।
रेटिना पर अटैक
दोस्तों यदि आप रात में मोबाइल चलाते हैं तो इससे निकलने वाली रोशनी सीधी आंख की रेटिना पर पड़ती है। इसकी वजह से आपकी आंखें जल्दी खराब होने लगती हैं और आंखों में धुंधलापन आने लगता है। मोबाइल फोन की ब्लू लाइट आपकी आंखों पर पड़ती है जिससे आंखों की रेटिना पर नुकसान पहुंचता है। जिससे देखने की क्षमता कम हो जाती है।ब्लू लाइट आंखों के फोटोरिसेप्टर सेल्स में जहरीले रासायनिक मॉलिक्यूल को ट्रिगर करती है जो सेल को मार देते हैं।
इससे बचने का उपाय
दोस्तों रात में मोबाइल चलाते हैं तो मोबाइल से निकलने वाली ब्लू रोशनी से अपनी आंखों को बचाना चाहिए। यह ब्लू रोशनी आंखों के लिए बहुत खतरनाक होती हैं। मार्केट में इस तरह के बहुत से चश्मे आते हैं जो मोबाइल से निकलने वाली ब्लू रोशनी से हमारी आंखों को बचाते हैं। इसलिए जब भी अब रात में मोबाइल चलाएं तो अपनी आंखों में यह चश्मा जरूर लगाऐं।
यदि मोबाइल चलाते वक्त आपकी आंखों में ड्राइनेस आ रही है तो आपको बार-बार अपनी आंखों को ठंडे पानी से धो धो लेना चाहिए। तथा मोबाइल चलाते वक्त अपनी पलकों को बार बार झपकाना चाहिए। तथा अपनी आंखों को हर 40 मिनट बाद आराम देना चाहिए। ज्यादा देर तक मोबाइल चलाने से आंखों में दर्द होने की संभावना पैदा हो जाती है यदि ऐसा होता है तो आपको अपनी आंखों में गुलाब जल की कुछ बूंदें डालनी चाहिए।
मोबाइल स्क्रीन को ज्यादा पास से न देखे। इसके लिए न्यूनतम दूरी 25 सेंटीमीटर बताई गई है अर्थात अपने मोबाइल की स्क्रीन को 25 सेंटीमीटर की दूरी पर रख कर देखना चाहिए।
अजब भी आपकी आंखें ड्राइनेस होने लगें तब अपनी आंखों को ठंडे पानी से धोना चाहिए। फिर उसके बाद आंखों को साफ तोलिया से पौंछकर आंखों में गुलाब जल की कुछ बूंदे डालनी चाहिए या फिर कोई उचित दवाई आंखों में डालनी चाहिए।