मास्क में नमी के कारण फैल रहा है ब्लैक फंगस, एक्सपर्ट ने बताया मास्क पहनते समय बरतें सावधानियां
दोस्तों देश में कोविड-19 के मरीजों को ब्लैक फंगस (जिसे हम म्यूकोरमाय कोसिस नाम से भी जानते हैं।) मास्क में हो रही नमी के कारण फैल रहा है। नेत्र रोग वरिष्ठ ने यह बात बताई है कि यदि आप मास्क एक लंबे समय तक लगाकर रखते हैं और उसी मास्क को बार-बार यूज करते हैं तो मास्क में नमी होने लगती है और वह मास्क धीरे-धीरे गंदा हो जाता है। जिसकी वजह से ब्लैक फंगस जैसी स्थिति पैदा हो जाती है।
यही वजह है कि आंखों में फंगस जैसी स्थिति पैदा हो जाती है क्योंकि आपका मास्क बहुत ज्यादा यूज करने के बाद गंदा हो जाता है। यही गंदगी के कारण आपकी आंखों में फंगस का रूप ले लेता है। इसके अलावा यदि मास्क में नमी आ जाती है ऐसी स्थिति में भी ब्लैक फंगस होने का खतरा बना रहता है।
एक जाने-माने डॉक्टर लाल ने बताया कि अस्पतालों में ऑक्सीजन वाले मास्क का लगातार यूज करने से भी मरीजों में ब्लैक फंगस होने की स्थिति पैदा हो रही है। आगे डॉक्टर बताते हैं कि कोविड-19 के मरीजों को स्टेरॉइड नामक दवाई का ज्यादा डोज दी जाती है ऐसी स्थिति में मरीज की शुगर लेवल बढ़ जाती है और यही वजह है कि इन मरीजों को ब्लैक फंगस होने की स्थिति पैदा हो जाती है।
डॉक्टर लाल इससे आगे बताते हैं कि ब्लैक फंगस की शुरुआत नाक से होती है क्योंकि नाक में से एक तरल पदार्थ जिसे म्यूकस कहते हैं बाहर आने लगता है यह म्यूकस ब्राउन कलर का या लाल कलर का होता है। इसी स्थिति में शुरुआती लक्षण ब्लैक फंगस का माना जाता है।
फिर यह धीरे-धीरे आंखों में पहुंच जाता है। इस रोग में नेत्रों में लाली पन, नेत्रों में डिस्चार्ज होना तथा कंजेक्टिवाइटिस जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। फिर ऐसी स्थिति में आंखों में भयंकर पीड़ा होती है और उसके बाद आंखों से रोशनी चली जाती है। इस फंगस का सबसे ज्यादा असर रेटिना पर पड़ता है फिर ब्रेन पर पड़ता है नर्वस सिस्टम और हृदय पर पड़ने से व्यक्ति की मौत हो जाती है।
दोस्तों में जिला अस्पताल में कार्य करने वाले नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के सब बताते हैं कि ब्लैक फंगस वातावरण में पाई जाती है और यह बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा पाया जाता है। उन्होंने आगे बताया कि यदि आप मास्क को दोबारा प्रयोग करते हैं तो हमेशा अपने मास्क को डेटोल से धो करके ही पहने। अभी उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में इसके ऊपर शोध और इलाज चल रहे हैं जो आगे चलकर महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे और ब्लैक फंगस वाले मरीजों को रिकवर करने में महत्वपूर्ण होंगे।