थायराइड की समस्या में क्या दूध पीना सही है, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

 


थायराइड ग्रंथि शरीर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह ग्रंथि हार्मोन्स (T3, T4) का निर्माण करती है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करते हैं। थायराइड की समस्या मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है: हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन की कमी) और हाइपरथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन की अधिकता)। इस स्थिति में आहार का सही चयन बहुत महत्वपूर्ण होता है। दूध और उसके उत्पादों को लेकर अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या इन्हें थायराइड की समस्या में शामिल किया जा सकता है या नहीं।

दूध और थायराइड: क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

दूध और डेयरी उत्पादों में कैल्शियम, प्रोटीन, और विटामिन डी की मात्रा होती है, जो हड्डियों और मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है। लेकिन थायराइड की समस्या में इसका सेवन कुछ बातों पर निर्भर करता है:

1. हाइपोथायरायडिज्म में दूध का सेवन

  • फायदे:
    • दूध में मौजूद आयोडीन, थायराइड हार्मोन के निर्माण में मदद करता है।
    • कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाते हैं, क्योंकि हाइपोथायरायडिज्म से हड्डियों की कमजोरी हो सकती है।
  • सावधानियां:
    • दूध का सेवन थायराइड दवा (जैसे लेवोथायरॉक्सिन) लेने के तुरंत बाद न करें। दवा और दूध के बीच कम से कम 2-3 घंटे का अंतर रखें।
    • वसायुक्त दूध के बजाय लो-फैट या स्किम्ड दूध का चयन करें।

2. हाइपरथायरायडिज्म में दूध का सेवन

  • फायदे:
    • हाइपरथायरायडिज्म में शरीर का कैल्शियम जल्दी खत्म हो सकता है। दूध पीने से कैल्शियम की पूर्ति होती है।
    • लो-फैट दूध या दही शरीर को शांत करने में मदद कर सकता है।
  • सावधानियां:
    • अत्यधिक डेयरी उत्पादों का सेवन करने से बचें, क्योंकि यह आयोडीन का अधिक स्रोत हो सकता है, जो स्थिति को और खराब कर सकता है।

3. लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose Intolerance)

अगर आपको लैक्टोज असहिष्णुता है, तो दूध का सेवन थायराइड की समस्या को जटिल बना सकता है। ऐसे में लैक्टोज-फ्री दूध या बादाम, सोया, या नारियल दूध जैसे विकल्प चुनें।

दूध के सेवन के लिए विशेषज्ञ सुझाव

  • दूध को थायराइड की समस्या में शामिल किया जा सकता है, लेकिन संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
  • यदि आप आयोडीन, कैल्शियम या प्रोटीन की कमी से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करके दूध और डेयरी उत्पादों की मात्रा तय करें।
  • डेयरी उत्पादों के अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां, मछली, और सूखे मेवे जैसे अन्य कैल्शियम और आयोडीन स्रोतों पर ध्यान दें।

क्या बचना चाहिए?

  • दूध में आर्टिफिशियल फ्लेवर्स या शुगर एडेड उत्पाद न लें।
  • थायराइड दवा के समय और दूध के सेवन में सही अंतराल रखें।

निष्कर्ष

थायराइड की समस्या में दूध का सेवन हानिकारक नहीं है, बल्कि इसे सही तरीके और मात्रा में लिया जाए तो यह फायदेमंद साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, लो-फैट दूध और संतुलित आहार के साथ, थायराइड की समस्या को नियंत्रित रखना संभव है। हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें और अपनी व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार आहार योजना बनाएं।

saurabh singh

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