आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों के अनुसार, पानी पीने का सही तरीका शरीर के स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है।
1. आयुर्वेदिक दृष्टिकोण:
- बैठकर पानी पीना बेहतर माना जाता है।
- आयुर्वेद के अनुसार, बैठकर पानी पीने से शरीर की ऊर्जा (वात, पित्त, कफ) संतुलित रहती है और पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- खड़े होकर पानी पीने से पाचन कमजोर हो सकता है और जोड़ों में दर्द या गठिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
2. आधुनिक विज्ञान:
- खड़े होकर पानी पीने से पानी तेजी से नीचे चला जाता है, जिससे शरीर के पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा आ सकती है।
- बैठकर धीरे-धीरे पानी पीने से शरीर को हाइड्रेशन बेहतर तरीके से मिलता है और गुर्दों पर कम दबाव पड़ता है।
3. लाभ बैठकर पानी पीने के:
- पाचन सुधारता है
- गुर्दे की सफाई बेहतर होती है
- स्नायु तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है
- हृदय स्वस्थ रहता है
निष्कर्ष:
बैठकर पानी पीना स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद है। पानी को धीरे-धीरे और घूंट-घूंट करके पीना चाहिए ताकि शरीर उसे अच्छी तरह से अवशोषित कर सके।