विधि
पेट के बल लेटकर दोनों हांथों को जंघाओं के नीचे लगाए
स्वांस अंदर भरकर दाएं पैर को ऊपर उठाए , घुटने से पैर नहीं मुड़ना चाहिए
ठोड़ी भूमि पर टिकी रहे
१० से ३० सेकेण्ड तक इस िस्थति मैं रहिये
५ से ७ आवर्ती करें
इस प्रकार बांयें पैर से करने के बाद दोनों पैरों से भी शलभासन २ से ४ बार करें
लाभ
मेरुदंड के नीचे वाले भाग मे होने वाले सभी रोगो को दूर करता हे
कमर दर्द और सियाटिका दर्द के लिए विशेस लाभदायक है
पेट के बल लेटकर दोनों हांथों को जंघाओं के नीचे लगाए
स्वांस अंदर भरकर दाएं पैर को ऊपर उठाए , घुटने से पैर नहीं मुड़ना चाहिए
ठोड़ी भूमि पर टिकी रहे
१० से ३० सेकेण्ड तक इस िस्थति मैं रहिये
५ से ७ आवर्ती करें
इस प्रकार बांयें पैर से करने के बाद दोनों पैरों से भी शलभासन २ से ४ बार करें
लाभ
मेरुदंड के नीचे वाले भाग मे होने वाले सभी रोगो को दूर करता हे
कमर दर्द और सियाटिका दर्द के लिए विशेस लाभदायक है
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