दोस्तों नीम का प्रयोग पुराने समय से किया जा रहा है। यह एक औषधि है और इसका यूज आयुर्वेद में किया जाता है। नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं इसके साथ इसमें एंटीफंगल का गुण भी होता है। जो त्वचा को साफ और बेदाग बनाता है। इसके पत्तों को यदि खाया जाए तो यह आपके शरीर से खून को साफ करता है। जब खून साफ होगा तो आपके शरीर में कील मुंहासे नही निकलेंगे। फंगल जैसे इंफेक्शन नहीं होंगे। आयुर्वेद में नीम का बहुत बड़ा महत्व है आइए जानते हैं इसके और क्या-क्या फायदे हैं।
नीम के पत्तों को खाया जाए तो यह आपके खून को साफ कर देता है और चेहरे पर चमक ले आता है।
नीम के पत्तों का रस निकालकर पीने से डायबिटीज कंट्रोल हो जाती है शुगर लेवल कंट्रोल हो जाता है।
नीम की छाल का पाउडर बनाकर इस्तेमाल करने से कील मुंहासे फोड़े फुंसियों में आराम पहुंचता है।
नीम की लकड़ी को दातून की तरह प्रयोग में लाया जाए तो इससे दातों में लगा हुआ कीड़ा बाहर आ जाता है। पायरिया की बीमारी खत्म हो जाती है। मुंह से बदबू आ रही है तो वह खत्म हो जाती है। नीम की लकड़ी में बैक्टीरिया मारने के गुण होते हैं जो आपके मुंह को साफ कर देते हैं।
यदि आपको किसी बरिया और ततैया ने काट लिया है तो उस जगह पर नीम का लेप लगा लें इससे आपको तुरंत राहत पहुंचेगी।
घाव वाले स्थान पर नींम का लेप लगाएं घाव भर जाता है
आप नीम का लेप दाद, खाज, खुजली वाले जगह पर लगा लीजिए। थोड़े दिन बाद नीम अपना असर दिखाना शुरू कर देगा।
नीम के पत्तों को सादा पानी में उबाल लें। जब पानी खोलने लग जाए तो उसे उतार ले और ठंडा होने पर इसको रोजाना पिए इससे त्वचा संबंधी जितने भी रोग होते हैं वह सब खत्म हो जाते हैं।