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Myur Aasan

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जानें घर की बजाय बाहर योग करेंगे तो कैसे मिलेगा ज़्यादा फायदा

योग करने से आपको अनगिनत लाभ होते हैं। योग आपको भावनात्मक, शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से बेहतर बनाने में मदद करता है। अधिकतर लोग ऐसा मानते हैं कि योग चारदीवारी में किया जाता है और तभी इसके लाभ मिलते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। आप एक खुले स्थान पर भी योग कर सकते हैं और खुले स्थान पर आपको अतिरिक्त लाभ मिलते हैं।  खुले स्थान पर योग करने से आपको क्या-क्या फायदे होते हैं। इन्द्रियां जागती हैं- जब आप खुले स्थान पर योग करते हैं, तो आपको फूलों की स्मेल आती है, पैरों के नीचे घास होती है, पक्षियों की आवाज सुनते हैं और आसमान में विभिन्न रंग नजर आते हैं। इन सब चीजों से आपकी इन्द्रियां तेज होती हैं। आप सुनना शुरू करते हैं - जब आप बाहर किसी एकांत जगह पर योग करते हैं, तो आप वाहन और लोगों के शोर से दूर प्रकृति के साथ होते हैं। आप शांत होते हैं और अपने विचारों को सुनना शुरू करते हैं। जब आप अपने आपको को सुनना शुरू कर देते हैं, तो आप यह भी समझने लगते हैं कि आप क्या चाहते हैं। ऊर्जा मिलती है - अध्ययन बताते हैं कि बाहर जाने से आपके दिमाग को संकेत मिलते हैं कि आपका शरीर प्राकृतिक वात

इन तरीकों से एक रात में ही दूर हो जायेगा पिंपल

पिंपल को दूर करने की हम हर संभव कोशिश करते हैं। विभिन्‍न तरीके के प्रोडक्‍ट से लेकर डॉक्‍टर के पास जाने तक सब कुछ, लेकिन अक्‍सर पिंपल की समस्‍या ज्‍यों की त्‍यों ही बनी रहती हैं। जबकि हकीकत यह है कि आप प्राकृतिक और आसान तरीके की मदद से पिंपल को दूर कर सकते हैं। यहां तक कि प्राकृतिक तरीकों से एक रात में ही पिम्पल का सफाया किया जा सकता है। आइये ऐसे की कुछ तरीकों से रूबरू होते हैं। अगर आपके घर में बर्फ का एक टुकड़ा मौजूद है तो पिम्पल होने पर दवाई लगाना और उसके हटने का इंतजार करना बेवकूफी है। जी, हां! वास्तव में बर्फ लगाने से रक्तसंचार में वृद्धि होती है और रोमछिद्रों को भी प्रभावित करती है। बर्फ के जरिये पिम्पल के इर्द-गिर्द मौजूद गंदगी और तेल पूरी तरह निकल जाता है। इसके लिए आपको सिर्फ इतना करना है कि एक कपड़े में बर्फ के टुकड़े को लपेटकर पिम्पल पर उसे कुछ सेकेंडों के लिए फेरना है। साथ ही सफेद टूथपेस्ट काफी हद तक बर्फ ट्रीटमेंट की तरह काम करता है। सफेद टूथपेस्ट को तकरीबन एक घंटे के लिए पिंपल पर लगाकर छोड़ दें। लेकिन यह ध्यान रखें कि आपका टूथपेस्ट जेलयुक्त न हो। लहसुन पिंप

रोज सुबह पीएं लहसुन वाली चाय, होंगे ये 5 चमत्कारिक फायदे

लहसुन एक ऐसी चीज है जिसके सेवन से ना सिर्फ हमें स्वाद आता है बल्कि ये हमें कई बीमारियों से भी बचाती है। लहसुन एक ऐसी औषधी है जिसे धरती पर वरदान कहा जाता है। हो सकता है आपने आज तक आपने लहसुन को सब्जी और दाल में छौंक लगाने के लिए इस्तेमाल किया होगा। लेकिन आज हम आपको लहसुन वाली चाय के फायदे बता रहे हैं। जी हां, लहसुन की चाय ना सिर्फ टेस्टी होती है बल्कि ये ह में रोगों से बचाती है। सबसे पहले हम जानते हैं कि लहसुन से हमें क्या क्या फायदे मिलते हैं। आइए जानते हैं कैसे बनती है लहसुन की चाय और क्या हैं इसके फायदे। लहसुन की चाय के लिए सामग्री 1 लहसुन की कली 2 छोटे ग्लास गिलास पानी 1 चम्मच शहद 1 चम्मच नींबू का रस 1 चुटकी कसा हुआ अदरक बनाने की विधि सबसे पहले एक गिलास पानी उबालें अब इसमें लहसुन और अदरक का पेस्ट बनाकर डाल दें। अब इसे करीब 15 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। जब ये पक जाए तो करीब 10 मिनट तक इसे ऐसे ही छोड़ दें। अब इसे छानकर इसमें एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाएं। आपकी चाय तैयार हैं, अब आप चुस्की लेकर इसे पीएं। लहसुन की चाय के फायदे सुबह खाली पेट लहसुन क

2018 में करें ये 3 योगासन, सालभर रहेंगे स्‍वस्‍थ और फिट

बदलती लाइफस्‍टाइल और बढ़ते प्रदूषण ने हमारी जिंदगी में तमाम तरह के बदलाव किए हैं। इनमें सबसे ज्‍यादा अगर कुछ बदला है तो नई तरह की बीमारियों ने अपनी जड़ें जमा ली है। संक्रामक बीमारियां हमारे शरीर पर अटैक करें, इससे पहले हमें खुद की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठा लेने चाहिए,‍ जिससे शरीर रोगमुक्‍त रहे। दरअसल, आने वाले सालों में प्रदूषण कम होने की उम्‍मीद कम हैं, ऐसे में खुद को रोगों से लड़ने के लिए तैयार करना होगा। आज हम आपको 3 ऐसे योगासन के बारे में बता रहे हैं, जिन्‍हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। इन तीन योगासनों की खूबियां ये हैं कि, इसे करने से आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं। कपालभाति शरीर में ऊर्जा का संचार करने और तनाव दूर करने के लिए कपालभाति प्राणायाम करें। इससे पूरे शरीर को सही तरीके से ऑक्‍सीजन मिलता है, इसकी सबसे खास बात यह है कि इसके नियमित अभ्‍यास से नसों में भी ऑक्‍सीजन आसानी से पहुंच जाता है। यह शरीर को विषाक्‍त पदार्थों से मुक्‍त करता है। ब्‍लड प्रेशर के मरीज थोड़ा ध्‍यान दें। इसे करने के लिए सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन या किसी भी आसन मे

रोजाना करें सिर्फ ये 2 योगासन, 60 साल तक भी नहीं आएगा बुढ़ापा

जिंदगी की शाम जब ढलने लगती है तो न सिर्फ शरीर में ढेरों बीमारियां अपना घर बना लेती हैं, बल्कि जीवन में एक सूनापन भी छा जाता है। हमारे देश में बहुत कम ऐसे लोग हैं, जो 60 साल की उम्र में भी उसी जीवंतता के साथ जीवन व्यतीत करते हैं। योग के सहारे इस उम्र में भी खुद को शारीरिक व मानसिक रूप से दुरुस्त रख सका जा सकता है। फायदे हैं अनेक वैसे तो उम्र के हर पड़ाव पर ही योग के अनेक फायदे हैं, लेकिन स्त्रियों को तो योग के ज़रिये अतिरिक्त फायदा पहुंचता है। उम्र के अलग-अलग दौर में विभिन्न प्रकार के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में अपनी स्ट्रेंथ बढ़ाने, बीमारियों को दूर करने, हड्डियों की उम्र बढ़ाने, माइंड को शार्प करने और अपनी स्किन की टाइटनिंग और ग्लो को बनाए रखने के लिए योग का रास्ता अपना सकते हैं। ये दो प्राणायाम अपने आप में ही संपूर्ण हैं। कपालभाति यह प्राणायाम की एक विधि है। इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से चेहरे पर चमक आती है, साथ ही झुर्रियां भी कम होती हैं। इसके लिए किसी भी मुद्रा में बैठ जाएं। साथ ही कमर व गर्दन को सीधा कर लें, जब पीठ सीधी होगी तो छाती आगे की ओर उभर

खराब से खराब लिवर को भी दुरुस्त बनाते हैं ये 3 योगासन

लिवर हमारे शरीर एक महत्वपूर्ण अंग है। ये खाए गए खाने को पचाकर रस बनाता है। इसके अलावा लिवर आंतों के कीटाणुओं को भी मारता है। कई बार कुछ गलत आदतें जैसे अधिक शराब या अधिक धूम्रपान हमारे लीवर को खराब कर देती हैं। लेकिन जरूरी नहीं कि आप शराब या सिगरेट नहीं पीते तो आपको लीवर की समस्या नहीं होगी। कई बार जरूरत से ज्यादा नमक और खट्टी चीजें खाने से भी लिवर की परेशानी हो जाती है। इसलिए अगर लिवर खराब हो तो खानपान में नमक और खट्टे पदार्थों का इस्तेमाल कम कर देना चाहिए। इसके अलावा कुछ योगासन भी हैं जिनका नियमित अभ्यास करने से आपका लिवर मजबूत बनता है। कपालभाति प्रणायाम कपालभाति करने वाले लोग पेट और लिवर की समस्याओं से दूर रहते हैं। इसे करने के लिए पहले वज्रासन, सिद्धासन या पद्मासन में बैठ जाएं। इसके बाद गहरी सांस लें और सांसों को पांच से दस सेकेंड तक अंदर रखें. फिर धीरे-धीरे सांसों को नाक से छोड़ें। इस प्रणायाम को रोजाना दस से पंद्रह मिनट करने से लीवर की समस्या खत्म हो जाती है। नौकासन नौकासन एक ऐसा आसन है जिसमें शरीर नौका के आकार का हो जाता है। इसे करने के लिए शवासन की मुद्रा म