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जानिए मथुरा के राधा कुंड और कृष्ण कुंड की महिमा के बारे में

पवित्रतम तालाब, राधा कुंड मथुरा के वृंदावन में गोवर्धन पहाड़ी के पास स्थित है। दो निकटवर्ती तालाब हैं - राधा कुंड और कृष्ण कुंड। स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने अपनी एड़ी को जमीन पर टिकाकर एक बड़ा कुंड बनाया। Third party image reference महाकाव्य में कहा गया है, जब भगवान कृष्ण बहुत छोटे थे और उनके मामा राजा कंस के द्वारा भगवान कृष्ण को बार-बार मारने की कोशिश की गई थी। उनके और उनके भाई बलराम के जीवन पर ऐसा प्रयास, जब भगवान कृष्ण को मारने के लिए मामा कंस ने एक दानव, अरिष्ट नाम भेजा, जिसने एक बैल का रूप धारण किया और भगवान श्री कृष्ण और बलराम पर हमला किया। हालाँकि, भगवान कृष्ण द्वारा बैल को आसानी से काबू कर लिया गया और मार दिया गया। राक्षस अरिष्ट एक गौ परिवार से संबंधित है और इसे मारना राधा और अन्य पवित्र पुरुषों के पूछने पर पाप माना जाता है; और पाप की भरपाई करने के लिए और पूरी दुनिया के सभी पवित्र जल में स्नान करने का सुझाव दिया, भगवान कृष्ण ने अपनी एड़ी से जमीन पर प्रहार करके एक बड़ा कुंड बनाया। इसके बाद, भगवान ने सभी पवित्र स्थानों को बुलाया, जो बदले में कुंड में पानी के रूप में प्रवेश

जब कृष्ण ने सुदामा से यह तोहफा ले लिया।

सुदामा कृष्ण के साथ अध्ययन करने वाले दोस्तों में से एक थे। कृष्ण राजा बन गए, और सुदामा बहुत गरीब आदमी थे, उनके पास कुछ भी नहीं था। और एक बार सुदामा की पत्नी ने उनसे कहा, "देखो, कृष्ण तुम्हारा बहुत करीबी दोस्त है, प्रिय मित्र। आप क्यों नहीं जाते और उससे कुछ मदद माँगते हैं? ”सुदामा थोड़ा शर्माए,“ मैं किसी दोस्त से कुछ कैसे माँग सकता हूँ? मुझे ऐसा करने का मन नहीं कर रहा है। ”लेकिन जब कोई और रास्ता नहीं था, तो उन्होंने कृष्णा से मिलने का फैसला किया। भारत में एक प्रथा है कि जब आप किसी से मिलने जाते हैं, तो आप खाली हाथ नहीं जाते हैं। तो वह क्या ले सकता था? उसके पास कुछ भी नहीं था। उसके कपड़े फटे हुए थे। वह कितना गरीब था! और फिर घर पर, उनके पास चावल के कुछ दाने थे। इसलिए उसने उन्हें कपड़े के एक टुकड़े में पैक किया और उन्हें कृष्ण के पास ले गया। Third party image reference उन्होंने महल में प्रवेश किया, यह भव्य और खूबसूरती से सजाया गया था। कृष्ण अपने सिंहासन पर बैठे थे, और आसपास बहुत सारे नौकर थे। और जिस क्षण उसने सुदामा को देखा, वह दौड़कर नीचे आया, और अपने पैर धोए और उसे अपनी सीट

जानिये गोवेर्धन की पूजा क्यों की जाती है

गोवर्धन पूजा कथा। एक बार की बात है इंद्र को अपनी शक्तियों पर घमंड हो गया। तब भगवान कृष्ण ने उनके घमंड को चूर करने के लिए एक लीला रची। इसमें उन्होंने सभी ब्रजवासियों और अपनी माता को एक पूजा की तैयारी करते हुए देखा तो, यशोदा मां से पूछने लगे, "मईया आप सब किसकी पूजा की तैयारी कर रहे हैं?” तब यशोदा जी ने बताया की हम सब इंद्र देव की पूजा अर्चना करते हैं और इसीलिए पूजा की तैयारी कर रहे हैं।'' Third party image reference भगवान, अपनी माता यशोदा से पूंछते हैं की "माता हम लोग इंद्र की पूजा किस बात के लिए करते हैं?” तब मईया ने बताया कि 'इंद्र वर्षा करते हैं और उसी से हमें अन्न और हमारी गाय के लिए घास मिलता है। यह सुनकर कृष्ण जी ने तुरंत कहा "माता इंद्र देव तो घमंडी हैं और वह हम सबको कभी भी दर्शन नहीं देते हैं। और दूसरी बात यह है की हमारी सभी गायें तो गोवर्धन पर्वत पर जाती हैं और वहीं पर घास चरती हैं। तो इसलिए हमारे लिए तो गोवर्धन ही पवित्र और पूजा के योग्य होना चाहिए।" जब कृष्ण ने लोंगो को यह बात समझाई तो सभी बरजवासी इंद्र की पूजा छोड़कर गोवर्धन की पूजा

गठिया रोग का घरेलु उपचार

जोड़ों की बिमारी गठिया को इंग्लिश में अर्थराइटिस कहते हैं।इसमें तकलीफ, जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है। लेकिन कुछ खाद्य प‍दार्थ ऐसे है जिनसे अर्थराइटिस का दर्द कम और कुछ से दर्द बढ़ सकता है। हालांकि यह बीमारी ज्यादातर उम्रदराज लोगों को ही होती है,लेकिन बदली हुई लाइफस्‍टाइल के कारण इसकी चपेट में वर्तमान में युवा भी आ रहे हैं। आइए इस लेख में हम गठिया रोग के घरेलु उपचार के बारे में जानें। Third party image reference 1. लहसुन का सेवन- लहसुन को ब्लड प्यूरीफायर के रूप में जाना जाता है। यह ब्लड को शुद्ध करने में मदद करता है।अर्थराइटिस के कारण ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा में बहुत ज्यादा वृद्धि हो जाती है। लहसुन के रस यूरिक एसिड को गलाकर तरल रूप में मूत्रमार्ग से बाहर निकल देता है। Third party image reference 2. अजमोद- अजमोद गठिया से ग्रस्त मरीजों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होता है। गठिया मरीज अजमोद के रस का इस्तेमाल करके अपनी परेशानी कम कर सकते हैं, क्योंकि अजमोद एक मूत्रवर्धक के रूप में किडनी की सफाई के लिए जाना जाता है। किडनी में मौजूद अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निष्कासित क

जिओ के सभी प्लान बदल गए, अब इतने रूपए का होगा 84 दिनों वाला रिचार्ज

जिओ के सभी प्लान बदल गए, अब इतने रूपए का होगा 84 दिनों वाला रिचार्ज Third party image reference आजकल सभी सिम नेटवर्क अपनी प्रतिस्पर्धा बनाने की होड़ में लगे हुए हैं, ग्राहकों की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली कम्पनी रिलाइंस जिओ ने 9 अक्टूबर 2019 से दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने के लिए पैसा वसूल करना शुरू कर दिया है यानि की अब ६पैसा पर मिनट की आई यू सी दर से चार्ज देना पड़ेगा। दूसरी तरफ जिओ ने कुछ नए आई यू सी प्लान भी पेश किये हैं। Third party image reference 84 दिन वाला रिचार्ज कितने में होगा ? अब बात आती है की 84 दिन वाला रिचार्ज कितने में होगा तो अब हम आपको बता देते हैं की 84 दिन वाला रिचार्ज पहले 399 रूपए में हुआ करता था तो अब वो प्लान बदलकर 409 रूपए का कर दिया गया है अब आप सोच रहे होंगे की ऐसा क्यों हुआ की अब हमको 399 की जगह 409 रूपए क्यों देने पड़ेंगे ? तो ऐसा इसलिए है क्योंकि अब आपको 399 वाले प्लान के साथ में 10 रूपए वाला आई यू सी रिचार्ज भी करना पड़ेगा। ये 10 रूपए उन्ही को देने पड़ेंगे जो दूसरे नेटवर्क पर कॉल करना चाहते हैं। इसके अलावा जिओ ने 10,20,50,100,500और एकहज

पानी पीने का सही तरीका जानकर आप हैरान हो जायेंगे !

पानी पीने का सही तरीका जानकर आप हैरान हो जायेंगे ! Third party image reference यदि आप स्वास्थ्य समस्याओं, त्वचा की समस्याओं, अम्लता, मांसपेशियों में दर्द, पाचन समस्या, थकान या माइग्रेन से पीड़ित हैं तो अध्ययन के अनुसार संभावना एक मुख्य कारण है सही मात्रा में पानी नहीं पीना। अब तक आपने सुना है कि पानी ही जीवन है, अगर इसे ठीक से पिया नहीं गया तो यह मौत का एक प्रमुख कारण कैसे बन सकता है। तो आइए जानें हर दिन कब और कितनी मात्रा में पानी पीना चाहिए ताकि इससे आपको फायदा हो। क्योंकि यह एक तथ्य है कि हममें से 90% लोग गलत तरीके से पानी पीते हैं, और इस बात का एक प्रमाण यह है कि जिन बीमारियों को आपने 1 लीटर पानी की बोतल में उठाया था और एक बार में 1 लीटर पानी पिया था। क्या आपको पता है कि फायदा पहुंचाने के बजाय यह आपके लिए ज्यादा हानिकारक है। चिकित्सा की दृष्टि से, इसे जल नशा या जल विषाक्तता कहा जाता है। हमारे शरीर में एक समय में एक विशेष मात्रा में पानी रखने की एक सीमित क्षमता होती है। एक बार यदि आप बहुत अधिक पानी पीते हैं तो यह आपके रक्त में पानी के प्रतिशत को बढ़ाता है। नतीजतन, वि

12 अक्टूबर से शनि चलेंगे उल्टी चाल, इन 6 राशियों को होगा लाभ ही लाभ।

12 अक्टूबर से शनि चलेंगे उल्टी चाल, इन 6 राशियों को होगा लाभ ही लाभ। 12 अक्टूबर से शनि चलेंगे उल्टी चाल, इन 6 राशियों को होगा लाभ ही लाभ।  12 अक्टूबर से शनि उल्टी चाल चल सकते हैं। इसीलिए इन 6 राशियों को मिलेगा निश्चित लाभ। और इन 6 राशियों की जिंदगी में खुशियां दस्तक देंगी। उनकी समस्या का समाधान होगा। credit: third party image reference तो आइये जानते हैं की वो कौन सी 6 राशियां हैं।  मकर और तुला राशि  शास्त्रों के अनुसार 12 अक्टूबर से शनि उल्टी चाल चलेंगे जिससे मकर और तुला राशि वालों को बहुत सा लाभ मिलनेवाला है। इनकी जिंदगी अचानक से बदलने वाली है। किसी बीमा या लॉटरी में इनको धन मिलने की संभावना है। इनके घरों में सुख का वातावरण बनेगा।  credit: third party image reference मिथुन और वृष राशि  इन दोनों राशियों की किस्मत भी मकर और तुला राशियों की किस्मत की तरह बदलने वाली है। इन्हे जीवन में बहुत सा लाभ मिलेगा। खुशियां इनके जीवन में दस्तक देने आयेंगी। प्यार और पैसों में बढ़ोत्तरी होगी। यदि आप अपने जीवन साथी की तलाश में हैं तो वो भी पूरी हो जाएगी। आपके सपने पूरे होंगे और जीवन सुखम